किसानों के 13 फरवरी के दिल्ली मार्च ने हरियाणा के व्यापारियों को किया चिंतित |
सोनीपत/झज्जर, 7 फरवरी कृषि संगठनों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में बुलाए गए 13 फरवरी के दिल्ली मार्च ने सोनीपत और झज्जर जिलों के उद्योगपतियों को चिंतित कर दिया है, क्योंकि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2021 के आंदोलन के दौरान उन्हें भारी नुकसान हुआ था।
सोनीपत में धारा 144 लागू की गई|
दिल्ली पुलिस द्वारा उन्हें राजधानी में प्रवेश नहीं करने देने के बाद मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के प्रदर्शनकारी किसान एक साल से अधिक समय तक सोनीपत और झज्जर में दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले रहे। दोनों जिलों के उद्योगपतियों ने कहा कि वे दोबारा ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना चाहते | बहादुरगढ़ फुटवियर एसोसिएशन ने झज्जर डीसी और एसपी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि किसानों को दोबारा टिकरी बॉर्डर पर न बैठने दें क्योंकि इससे उनके उद्योगों पर असर पड़ सकता है। एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरिंदर छिकारा ने कहा, “बहादुरगढ़ में 7,500 से अधिक उद्योग हैं। 2021 में एक साल के कृषि आंदोलन के दौरान सभी उद्योगों को कुल 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।”