“मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर फसल पंजीकरण कराने में चरखी दादरी और करनाल के किसान बने अव्वल |

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1mintnews
16 फरवरी, 2024
चरखी दादरी और करनाल जिलों के किसान “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” (एमएफएमबी) पोर्टल पर अपनी फसलों का पंजीकरण कराने में राज्य में अग्रणी बनकर उभरे हैं। इन क्षेत्रों के किसानों ने 76.82 प्रतिशत और 74.58 प्रतिशत फसलों का प्रभावशाली पंजीकरण किया है, जो राज्य के औसत 58.74 प्रतिशत से अधिक है, जो दर्शाता है कि उन्होंने बड़े पैमाने पर ऑनलाइन मोड को अपना लिया है।

अधिकारियों के अनुसार, पोर्टल किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने में मदद करता है, जिसमें सरकार द्वारा उनकी उपज की खरीद, “मेरा पानी, मेरी विरासत” योजना के तहत प्रोत्साहन का हस्तांतरण, सीधी बीज वाली चावल योजना, फसल अवशेष प्रबंधन शामिल है। प्राकृतिक खेती, भावान्तर भरपाई योजना, और अन्य।
राज्य में 89,85,420 एकड़ कृषि योग्य भूमि है, जिसमें से अंतिम तिथि 15 फरवरी तक 8,73,349 किसानों ने 52,78,479 एकड़ भूमि का पंजीकरण कराया था। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, चरखी दादरी के 43,664 किसानों ने कुल 2,73,081 एकड़ में से 2,09,786 एकड़ जमीन का पंजीकरण कराया है। करनाल जिले के 51,634 किसानों ने कुल 5,15,801 एकड़ में से 3,84,673 एकड़ जमीन का पंजीकरण कराया है। 72.44 प्रतिशत पंजीकरण के साथ, कुरूक्षेत्र जिला तीसरे स्थान पर है और इसके बाद महेंद्रगढ़ 70.94 प्रतिशत, भिवानी 68.97 प्रतिशत, सिरसा 68.90 प्रतिशत, रेवाड़ी 64.25 प्रतिशत, पानीपत 62.19, यमुनानगर 62.01 प्रतिशत, कैथल है। आंकड़ों के मुताबिक, 62 फीसदी, फतेहाबाद 61.37 फीसदी और अंबाला 61.19 फीसदी पर है।

करनाल के कृषि उपनिदेशक डॉ वज़ीर सिंह ने कहा, “एमएफएमबी पोर्टल पर फसल के पंजीकरण के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए एक जन जागरूकता अभियान चलाया गया है और वे पंजीकरण के बाद सभी योजनाओं का लाभ उठाएंगे।” उन्होंने कहा कि पोर्टल पर फसलों का पंजीकरण विभिन्न कृषि योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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