पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने आठ विधायकों को मंत्री बनाए जाने के खिलाफ याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया।

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1mintnews
2 अप्रैल, 2024
: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सोमवार को आठ विधायकों की मंत्री पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित में दायर याचिका पर केंद्र सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ता ने कहा, यह “संवैधानिक संशोधन का उल्लंघन है”।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश लापीता बनर्जी की खंडपीठ के समक्ष रखी गई अपनी याचिका में याचिकाकर्ता-अधिवक्ता जगमोहन सिंह भट्टी ने कहा कि किसी राज्य में मंत्रिपरिषद की संख्या विधानसभा की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती। वह राज्य” भट्टी ने कहा कि वर्तमान मामले में, यह सदन की कुल ताकत का 15 प्रतिशत से अधिक है।

नियुक्तियों को रद्द करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि यह अवैध, असंवैधानिक, मनमाना और सरकारी खजाने पर बोझ है।

भट्टी ने कहा कि नियुक्तियां कानून की नजर में मितव्ययिता अभियान के लिए झटका है क्योंकि मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह अवैध है। जनहित याचिका याचिकाकर्ता द्वारा इस मामले में दायर की गई यह दूसरी याचिका है।

भट्टी ने पहले पांच अन्य कैबिनेट मंत्रियों – कंवरपाल गुज्जर, मूलचंद शर्मा, रणजीत सिंह, जेपी दलाल और डॉ. बनवारी लाल की नियुक्तियों को रद्द करने के निर्देश के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था।

भट्टी ने तर्क दिया: “सदन की कुल ताकत 90 विधायकों की है। सीएम नायब सिंह सैनी की नियुक्ति के हिसाब से यह 90 विधायकों की सीमा से अधिक है, जो किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। इसलिए, नियुक्ति अवैध और शून्य है।”

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